आखिर कब तक न्याय और अधिकार के लिए भटकेगा संविदा-कर्मी””““11 माह से ऊपर, 350 करोड़ आबंटन के बाद भी, 06 विभागों में 27% संविदा वेतन-वृद्धि अप्राप्त और ना ही नियमितीकरण””

by Kakajee News

रायगढ़। मोदी जी की गारंटी एवं विष्णु के सुशासन का अक्षरश: पालन करती, राज्य की डबल इंजन सरकार को शपथ-ग्रहण पश्चात्, आज 06 माह से अधिक दिन बीत गये है, पर आज दिनांक तक ना तो राज्य के शासकीय विभागों में, सबसे शोषित तबका, संविदा कर्मचारीयों के 06 विभागों में, ना संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, ना नियमितीकरण कमिटी की बैठक में संविदा पदाधिकारीयो को शामिल किया गया है, और ना ही नियमितीकरण प्राप्त हो सका है, जिससे राज्य/जिले के समस्त संविदा कर्मचारियों में बेहद निराश एवं आक्रोश है।

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सरकार की ओर से, अपने विभागों तथा मांगो में किसी प्रकार की पहल ना होता देख, आज जिले के समस्त छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी, सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए, नटवर स्कूल परिसर में, अपना ज्ञापन माननीय अपने विधानसभा के विधायक सह् वित्त मंत्री के नाम देने पहुंचे।

3 दिसंबर से अस्तित्व में आई भाजपा सरकार द्वारा, आज दिनांक तक इनकी मांगे पूर्ण नही हो सकी है। मोदीजी की गारंटी तथा विष्णु के सुशासन की याद दिलाते हुए, जिले के समस्त संविदा कर्मचारीयों ने ओ पी चौधरी को अपनी मांगो के संबंध में पत्र सौपा, एवं मांग रखी कि समय-समय पर सौपे गये कार्य दायित्व का बखूबी निर्वहन तन-मन-धन से करने पश्चात् भी, न्यूनतम संविदा वेतन पर कार्य करने को मजबूर है, तथा संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, 06 विभागों में नही होने से इन्हें आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।

विधानसभा के अनुपूरक बजट में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए एकमुश्त वेतन-वृध्दि की घोषणा की गई थी। इसके लिए लगभग 350 करोड बजट का आबंटन भी किया गया था, पर यह बजट की राशि कहा चली गई, कि आज दिनांक तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, अप्राप्त है। राज्य में 40 से 45 हज़ार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, इनका 2019 से लगभग 05 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी, मासिक वेतन, अधिकतम समय-सीमा में संशोधित नही किया गया है, जिससे इन्हे आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।

अन्य भाजपा शासित राज्यों की तुलना में, डबल-इंजन सरकार में राज्य के संविदा कर्मचारी, आज भी, समान काम-समान वेतन, सी-आर रिन्यूवल बन्द करना, 62 साल सेवा काॅल, ग्रेड-पे निर्धारण, मेडिकल फैसिलिटी, ईपीएफ कटौती, ग्रैच्यूटी, पेंशन, अनुकम्पा, स्थानान्तरण नीति, सरकारी भर्ती मे 50 प्रतिशत संविदा कोटा, छटनी/निकाले गये कर्मचारियों की बहाली आदि सुविधाओं से विगत 20-25 वर्षों से वंचित है। मोदी की गारंटी में शामिल- 100 दिनों में कमेटी गठन, जिसमें अनियमित/संविदा पदाधिकारी भी सदस्य होंगे, आज दिनांक तक शामिल नहीं किए गए है। कमिटी की बैठक की भी कोई सूचना नहीं है। सरकार अपनी मंशा जाहिर करते हुए, गैर वित्तीय मांगो जैसे अविलम्ब संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृध्दि, समान काम-समान वेतन, सी-आर रिन्यूवल बन्द करना, 62 साल सेवा काॅल, ग्रेड-पे निर्धारण, मेडिकल फैसिलिटी, ईपीएफ कटौती, ग्रैच्यूटी, पेंशन, अनुकम्पा, स्थानान्तरण नीति, सरकारी भर्ती मे 50 प्रतिशत संविदा कोटा, छटनी/निकाले गये कर्मचारियों की बहाली तथा नियमितीकरण हेतु पहल को तत्काल पूरा करे, रायगढ़ जिला ईकाइ- छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सरकार से मांग करता है।

ज्ञापन देने में सतीश गौतम, शकुनतला एक्का, शैल पांडेय,डॉक्टर योगेश पटेल, वैभव डियोडिया, पवन प्रधान, दीपक गिरी गोस्वामी, नीति राज सिंह, डाॅ.कृष्ण कमल, डाॅ.दीप्ति गुप्ता, डाॅ.राजेश पटेल, श्वेता पटेल, हिना पटेल, संगीता बरा, भुवनेश्वर मालाकार, मधुकर गुप्ता, निर्मल प्रसाद, जानकी देवांगन, नेल्सन गुप्ता, मनोज अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथियों की उपस्थिति रही।

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