रायगढ़. जन्माष्टमी मेले की शान कहे जाने वाली मीना बाजार संचालक के सामने नगर निगम प्रशासन व जिला प्रशासन किस कदर नतमस्तक है इसका नमूना हमने पहले भी बता दिया था, जिसमें सावित्री नगर व ट्रांसपोर्ट नगर के सामने बेधडक बिना अनुमती सज रहे मीना बाजार के काम काज को लेकर था, इतना ही नही मीना बाजार संचालक ने इस बार जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए समय से पहले अपना साजो सामान सजा लिया। इतना ही नही जिस जमीन पर मीना बाजार लग रहा है वह विवादित जमीन होनें के साथ-साथ संचालक को बड़े लेनदेन से फायदे पर भी कई संदेह उत्पन्न हो रहे हैं।
एक जानकारी के अनुसार नगर निगम के कमिश्नर ब्रजेश कुमार क्षत्रीय और रायगढ़ एसडीएम महेश शर्मा ने भी यह बात साफ कर दी है कि अभी तक उनके पास न कोई मीना बाजार संबंधी आवेदन आया है तो उसके सहमति दूर की बात है, जो वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा साफ तौर पर इतना कहा जाना उनके पास मीना बाजार संचालन संबंधी या लगाने संबंधी कोई आवेदन नही आया तो अनुमती बिना कैसे मीना बाजार संचालक बडे आराम से दिन व रात तंबू तान कर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारियों को कुछ भी नही समझने का इशारा कर रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब जन्माष्टमी मेले से एक महीना पहले ही मीना बाजार संचालकों की मनमानी चरम पर है, जहां बिना कोई प्रशासनिक अनुमती के न केवल सामान सावित्री नगर व ट्रांसपोर्ट नगर के सामने की जमीन पर डालकर उसे लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई। इतना ही नही बीते दस दिनों के भीतर दोनों मीना बाजार संचालक अपना मीना बाजार पूरी तरह लगा चुके हैं। ऐसा लगता है कि प्रशासन उनकी जेब में है और नोटो की बदौलत वे सब कुछ बडे आराम से कर रहे हैं।
एक अन्य जानकारी के अनुसार सावित्री नगर हो या ट्रांसपोर्ट नगर के सामने का स्थल, वहां पार्किग तक की व्यवस्था नही है और यह बात पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन, निगम प्रशासन को मालूम है कि इस इलाके में चार से पांच कालोनीवासी बड़ी संख्या में आना जाना करते हैं और केवल दो सड़क होनंे से मीना बाजार के शुरू होनें से लेकर उके खत्म होनें तक केवल जाम का नजारा देखते हैं। इन सब बातों को ना स्थानीय थानेदार देख पा रहा है और न ही जिले के पुलिस अधीक्षक।
बहरहाल देखना यह है कि दिन व रात सावित्री नगर व ट्रांसपोर्ट नगर के सामने चल रहे मीना बाजार के काम काज पर कब प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करेंगे। चूंकि यह उनकी ही नाकामी का नतीजा है कि कोई भी जिला मुख्यालय में बेधड़क आकर अपना साजो सामान लगा लेता है और प्रशासन की जानकारी में आने के बाद भी कार्रवाई नही होना कई संदेहों को जन्म दे रहा है।