कोरबा। यह घटना कोरबा जिले की है जहां एसईसीएल दीपका खदान में हैवी ब्लास्टिंग के कारण एक मकान में पत्थर गिरने से परिवार बाल-बाल बच गया। आमगांव दर्रा खांचा निवासी राजू राठौर के मकान में यह घटना घटी, जब शुक्रवार को लगभग 3:00 बजे हैवी ब्लास्टिंग हुई।
काकाजी न्यूज के Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लीक करें 👉️KakajeeNews.com👈️
एसईसीएल दीपका खदान में हैवी ब्लास्टिंग के कारण मकान में पत्थर गिरने से हड़कप मच गया। घर पर मौजूद परिवार बाल-बाल बच गया। परिवार के सदस्य दूसरे कमरे में बैठे थे जिससे वे बाल-बाल बच गए।नही तो बड़ी घटना घट सकती थी।
एसईसीएल प्रबंधन ने मकान से 20 मीटर की दूरी पर हैवी ब्लास्टिंग की, जिससे मोहल्ला वासी दहशत में हैं।मोहल्ला वासियों की परेशानी है कि आमगांव दर्रा खांचा के निवासी दहशत भरे जीवन जीने को मजबूर हैं क्योंकि एसईसीएल प्रबंधन अपनी प्रोडक्शन बढ़ाने के चक्कर में खदान को बस्तियों के करीब ले आया है।
बताया जा रहा है कि इस बस्ती में लगभग 5 से 6 घर है जिनका secl ने अधिग्रहण करने के लिए जमीन की नापी कर ली है लेकिन अब तक उनका मुआवजा राशि नहीं मिला है और ना ही उनका नाम उसे सर्वे में आया है जिसके चलते आज वह अपने घर पर काबिज है। और खदान प्रोडक्शन करते हुए लगभग घर के करीब आ चुकी है ऐसे में उन्हें रहना भी मजबूरी है और अगर छोड़कर जाते हैं तो उन्हें डर बना हुआ है कि secl मुआवजा नही देगी। आज भी जान जोखिम में डालकर परिवार वहां निवास है। जो उनकी मजबूरी बनी हुई है।
दर्राखाँचा निवासी नंदनी राठौर ने बताया कि secl प्रबंधन कोयला उत्खनन करने के लिए हैवी ब्लास्टिंग कर रही है जो खदान के करीब उनके घर है इससे उन्हें डर बना हुआ है हाल ही में हैवी ब्लास्टिंग के चलते घरों में पत्थर की वर्षा हुई है जिससे लोग बाल बाल बच गए हैं अधिग्रहण को लेकर सर्वे तो किया है लेकिन अब तक सूची में नाम नहीं है जिसके चलते आज भी वह अपने मकान पर काबिज है। लेकिन secl घर कितने करीब होने के बावजूद भी हैवी ब्लास्टिंग कर रहे हैं जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है प्लास्टिक बंद करने या फिर secl का काम बंद करने पर उन्हें धमकी दी जाती है कि पुलिस के हवाले कर के अंदर कर देंगे।
मकान मालिक राजू राठौर ने बताया कि हैवी ब्लास्टिंग के चलते उसके घर पर बड़े-बड़े पत्थर गिरे जिससे उसका परिवार बाल बाल बच गया इसकी सूचना secl के अधिकारियों को दिया जहां मौके पर पहुंचे उनके द्वारा घटनाक्रम की जानकारी ली।
राजू पटवारी की गलती के चलते कुछ घरों का नाम ऑनलाइन नहीं चढ़ा था जिसके चलते सर्वे में नाम नहीं आए हैं और अब तक मुआवजा नहीं मिला है जिसके चलते आ जाओ घर नहीं तोड़ रहे हैं और वही निवास है। लेकिन खदान से करीब घर होने के कारण डर बना हुआ है रोज दोपहर को देर से 2 घंटे हैवी ब्लास्टिंग होता है इस दौरान पूरा परिवार घर से बाहर कड़ी धूप में रहता है जो उनकी मजबूरी है।
हैवी ब्लास्टिंग के चलते छज्जा कितना या फिर पत्थरों का गिरना यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई घटनाएं सामने आ चुकी है ।यह घटना एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है और मोहल्ला वासियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाती है।