रायगढ़: तमनार ब्लॉक के ग्राम पंचायत कचकोबा में पंचायत चुनाव बिना किसी मुकाबले के संपन्न हुए, और यह चुनाव इस बार कुछ खास था! कचकोबा पंचायत में विंदेश्वरी राठिया ने सरपंच पद की जिम्मेदारी निर्विरोध रूप से संभाली, और 13 पंच भी बिना किसी विरोध के चुने गए। लेकिन यहां ख़त्म नहीं हुआ, उप सरपंच के पद पर अंजलि संतोष यादव का भी निर्विरोध चुनाव हो गया। अब आप सोच रहे होंगे, ये क्या बात हुई? कचकोबा पंचायत में इस बार ऐसा कुछ हुआ, जिसे देखकर चुनावी राजनीति पर कई सवाल उठने लगे। बिना चुनावी घमासान के, बिना किसी प्रतिद्वंद्विता के, सारी सीटें भर गईं। यह एक तरफ जहां कचकोबा के लोगों की एकजुटता और सहमति को दर्शाता है, वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की कमी के रूप में देखा। आखिरकार, क्या यह अपने आप में एक चमत्कारी घटना है या पंचायत चुनाव में किसी अन्य तरह की रणनीति का परिणाम? जो भी हो, निर्विरोध सरपंच विदेश्वरी राठिया और उप सरपंच अंजलि संतोष यादव ने अपने पद ग्रहण करने के बाद इसे कचकोबा के विकास का एक सुनहरा अवसर बताया। दोनों ने यह स्पष्ट किया कि अब उनका मुख्य उद्देश्य गांव के हर मुद्दे को प्राथमिकता देना और यहां की समस्याओं को हल करना है। अब ये क्या कहें, कचकोबा पंचायत में तो जैसे सब कुछ आदर्श बन गया हो! बिना किसी चुनावी पचड़े के निर्विरोध तरीके से चुने गए इन नेताओं ने एक मिसाल पेश की है कि अगर गांव में सभी एकजुट हों तो चुनावी लड़ाई भी बिना लड़े जीत सकते हैं। हालांकि, इस निर्विरोध चुनाव पर कुछ हलकों में यह भी चर्चा हो रही है कि क्या यह वाकई लोकतंत्र की जीत है या एक चौंकाने वाला मूक संदेश है। लेकिन अंततः, कचकोबा पंचायत का ये चुनावी परिणाम यह साबित करता है कि अगर सही दिशा में सोचें और मिलकर काम करें, तो कोई चुनावी शोर नहीं, सिर्फ विकास की शांति मिलती है,बात करें सरपंच बिंदेश्वरी राठिया की तो उनके ही परिवार से बिते 6 बार के पंचवर्षीय पंचायत चुनाव में सरपंच बनते आ रहे हैं, पहले इनके सास-ससुर और जेठ और इस बार बिंदेश्वरी राठिया को ग्रमीणों ने सरपंच चुना है,इनके परिवार को अजेय परिवार भी कहा जाता है, वहीं उपसरपंच अंजली यादव रोडोपाली मंडल के भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष संतोष यादव की धर्मपत्नी हैं…