जगदलपुर, मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के चिकित्सकों ने एक बार फिर से एक 12 साल के बच्चे का सफल आपरेशन करते हुए उसे नई जिंदगी दी, बताया जा रहा है कि खेल के दौरान एक स्कूली छात्रा के भाई ने उसके आँख में स्प्रिंग को घुसा दिया, जिससे बच्चा लहूलुहान हो गया था, जिसे परिजनों के द्वारा कोटपाड़ से मेकाज लाया गया,
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मामले की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि डोंगरीगुड़ा निवासी स्व. नीलकंठ के 12 वर्षीय बेटा पिंकू गांव के ही एक स्कूल में 7 वी का छात्र है, 19 सितंबर को खाना छुट्टी के दौरान स्कूल के ग्राउंड में स्कूल की ही एक छात्रा के साथ खेल रहा था, जिसके बाद छात्रा के भाई ने बहन की पिटाई करने की बात को समझते हुए छात्र के आँख में स्प्रिंग मार दिया, जिससे कि पिंकू लहूलुहान हो गया, घटना के बाद स्कूल के शिक्षकों के साथ ही परिजनों ने बच्चे को पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहाँ से खराब हालत को देखते हुए उसे कोटपाड़ के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाज भेजा गया,
मेकाज पहुचते तक बच्चे के आँख में स्प्रिंग लगा ही रहा, जहाँ मेकाज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर छाया सोरी, डॉक्टर टी सी आडवाणी, डॉक्टर अबिया, डॉक्टर विशाल आडवाणी, डॉक्टर अंजना के द्वारा बच्चे को तुरंत ही प्राथमिक उपचार के बाद ओटी में ले गए, जहाँ डॉक्टरों की टीम ने कुछ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे के आँख से स्प्रिंग निकालने के बाद उसके आँख को भी सही सलामत आपरेशन किया, इस मामले में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर छाया सोरी ने बताया कि 9 से 14 वर्ष के उम्र में लगभग ऐसी घटनाएं काफी देखने को मिलती है, जहां खेलने के दौरान बच्चों के आँख में नुकीले हथियार से आँख में लग जाता है, ऐसे में बच्चों को अपने आँख को सही सलामत रखने के लिए अपनी आँखों को सही सलामत रखना चाहिए, 2 दिन के उपचार के बाद शनिवार को बच्चे को डिस्चार्ज दे दिया गया,