आकासीय बिजली गिरने से दो दिन के भीतर पति-पत्नी सहित 8 की मौत, 6 महिलाएं झुलसी, दो गंभीर

by Kakajee News

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिलों में बरसात के दौरान बिजली गिरने से खेतों में काम करने वाली महिलाओं की मौतों का आंकड़ा दो दिन के भीतर आधा दर्जन से अधिक हो गया है और लगातार यह घटनाएं बढ़ती चली जा रही है। अकेले जशपुर जिले में 6 और रायगढ़ जिले में एक ही दिन एक नाबालिग सहित एक महिला की मौत भी होनें से इन घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है।
बारिश के दौरान बिजली गिरने की घटनाएं तेजी से बढ़ी है और इसका शिकार खेतों में काम करने वाली आदिवासी महिलाएं हो रही है। दो दिन पहले ही जशपुर जिले के पत्थलगांव में एक साथ तीन महिलाओं की मौत तथा 6 महिलाएं झुलस गई थी वहीं इसी जिले के सन्ना में पति-पत्नी सहित दो की मौत तथा फरसाबहार के ग्राम तुमला क्षेत्र में एक आदिवासी की मौत शामिल है। इसी तरह रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले ग्राम दुर्गापुर में रविवार की शाम एक नाबालिग की मौत हो गई वहीं लक्ष्मीपुर गांव में घर के बाहर बैठी हुई एक 50 साल की महिला की भी मौत हो गई।
खेतों में काम करते समय हो रही घटना
रायगढ़ व जशपुर जिले में दो दिन के भीतर आकासीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत को लेकर प्रशासन सजग हो गया है और अभी भी 6 महिलाएं सरगुजा जिले के अंबिकापुर मेडिकल कालेज में भर्ती हैं जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है ये सभी घटनाएं स्थानीय पुलिस के अनुसार अपने खेतों में धान की फसल बुआई के दौरान अचानक तेज गरज से आकासीय बिजली गिरती है और उसी दौरान खेतों में काम करने वाली महिलाएं चपेट में आने से मौके पर ही उनकी मौत हो रही है। इतना ही नही जशपुर जिले के फरसाबहार व सन्ना में तेज बारिश से बचने के लिये महुआ पेड के नीचे खडे होनें से इस तरह की घटना देखने को मिल रही है।
जनहानि के साथ जानवरों की हानी भी है शामिल
बरसात के दिनों में आकासीय बिजली गिरने से चपेट में केवल इंसान ही नही बल्कि मवेशी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं एक जानकारी के अनुसार जशपुर जिले में अभी तक दो दर्जन से भी अधिक व रायगढ़ जिले में 10 मवेशी की मौत इसी घटना से हो चुकी है। बढ़ती पशु हानि के कारण आदिवासियों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि समय-समय पर होनें वाली ऐसी घटनाओं के बाद मुआवजे की राशि भी न के बराबर होती है।
जनहानि को लेकर प्रदेश शासन ने दिये हैं मुआवजे के आदेश
दो दिन के भीतर सात महिलाएं व एक पुरूष जिसमें पति-पत्नी व एक नाबालिग बच्ची शामिल है। उनकी मौत के बाद शासन ने नियमानुसार क्षतिपूर्ति देने की घोषणा की है। प्रशासन के अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि मृतकों के परिजनों को तत्कालीक सहायता के रूप में 25-25 हजार रूपये प्रदान कर दिये गए हैं और राजपत्र के नियम के अनुसार इन्हें और भी राशि प्रदान की जाएगी।

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