कोरोना से भी खतरनाक वायरस को लेकर देश के चार राज्यों में अलर्ट, गायों से इंसानों में संक्रमण का खतरा

by Kakajee News

पिछले कुछ महीनों में दुनिया के कई देशों में एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) का खतरा बढ़ता हुआ रिपोर्ट किया गया है। हालिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि गायों और दूध के माध्यम से भी इंसानों में एवियन फ्लू के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।

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हाल में ही अमेरिका में बर्ड फ्लू के तीसरे मानव मामले की पहचान की गई है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा कि यह अमेरिकी राज्य मिशिगन में एच5एन1 का दूसरा मानव मामला था। इससे पहले अप्रैल में टेक्सास में बर्ड फ्लू से एक व्यक्ति को संक्रमित पाया गया था।

इससे पहले अप्रैल की एक रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने खुलासा किया था कि बर्ड फ्लू का वायरस गाय के कच्चे दूध में भी पाया गया है। इतना ही नहीं दूध में वायरस बहुत उच्च सांद्रता में देखा गया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों में एच5एन1 का संक्रमण कोरोना से कई गुना घातक हो सकता है। इससे बचाव को लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहना चाहिए।

अमेरिका के साथ-साथ अब भारत में भी एच5एन1 वायरस के मामले बढ़ने को लेकर अलर्ट किया गया है। केंद्र सरकार ने एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर एक एडवाइजरी जारी करते हुए चार राज्यों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। प्रभावित राज्य आंध्र प्रदेश (नेल्लोर जिला), महाराष्ट्र (नागपुर जिला), झारखंड (रांची जिला) और केरल (अलपुझा, कोट्टायम और पथानामथिट्टा जिले) हैं।

केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) पक्षियों या मुर्गियों में किसी भी असामान्य मृत्यु पर नजर रखें। इसके साथ ही सभी लोगों को इनके निकट संपर्क में आने से बचना जरूरी है।

सीडीसी ने एक रिपोर्ट में कहा, फिलहाल एच5एन1 वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले नहीं देखे गए हैं। हालांकि इसके लक्षण और संक्रमण के जोखिमों को लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। इस वायरस से संक्रमण की स्थिति में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बर्ड फ्लू के अधिकतर लक्षण इंफ्लूएंजा की तरह ही दिखते हैं। इसकी समय रहते पहचान जरूरी है।
बर्ड फ्लू की स्थिति में ज्यादातर लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही देखे जाते हैं। इसमें बुखार, थकान, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, मतली और उल्टी, दस्त, नाक बहने और सांस फूलने की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में बर्ड फ्लू के कारण कंजंक्टिवाइटिस का खतरा भी देखा जाता रहा है। इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना और उपचार प्राप्त करना जरूरी माना जाता है।
एच5एन1 से संक्रमित जानवर के शरीर के तरल पदार्थ, जैसे थूक (लार), छींकने-खांसने से निकलने वाले ड्रॉपलेट या मल के संपर्क में आने से इंसानों में ये संक्रमण हो सकता है। मुख्यरूप से मुर्गियों-पक्षियों के माध्मय से इसका खतरा अधिक होता है। हालांकि अमेरिका में गायों और कच्चे दूध के कारण भी संक्रमण का खतरा देखा गया है जिसको लेकर सभी लोगों को सावधान किया गया है।

बर्ड फ्लू के एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने का खतरा कम होता है। पक्षियों, जंगली जानवरों और पशुओं के निकट संपर्क में आने से बचने के उपाय, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखने और मास्क के माध्यम से इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

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