रायगढ़। एक तरफ पूरे देश में हिंदु मुस्लिम को लेकर विवाद की खबरें आती रहती है, तो कभी मंदिर मस्जिद का विवाद भी सामने आता है। लेकिन रायगढ़ जिला मुख्यालय में एक ऐसे पीर बाबा हैं जिसे आजादी के बाद से आज तक हिंदु के लोग भी मानते हैं और जन्माष्टमी के दूसरे दिन हजारों की संख्या में लोग अपने परिवार के साथ आकर चादर चढ़ाते हुए मन्नते मांगते हैं। कहा ये भी जाता है कि यह पीर बाबा का यह स्थल देश का दूसरा स्थल है जिसमें बकायदा साल में एक बार हिंदु पूजा अर्चना के साथ-साथ चादर चढ़ाते हैं तो वहीं इसकी देखरेख और मन्नत मुस्लिम वर्ग भी मानते हैं। अनेकता में एकता का ऐसा उदाहरण शायद ही कहीं देखने को मिले।
रायगढ़ जिला मुख्यालय में स्थित पीर बाबा याने गोगा मंदिर की इस जगह में क्या बच्चे, क्या बुढे, क्या महिला और युवा सभी पूरे सम्मान के साथ यहां आते हैं इनके हाथ में बकायदा पूजा अर्चना के सामानों के साथ-साथ एक चादर भी होती है जो मस्जिदों में बनी मजार में चढ़ाई जाती है उसी तर्ज पर हिंदु समाज के लोग पीर बाबा के इस स्थान में चादर चढ़ाते हैं इतना ही नही चादर चढ़ाने के बाद बकायदा मोर पंख से सिर पर रखकर आशीर्वाद भी दिया जाता है। केवल इसी दिन जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी की इस जगह में सुबह से ही आने का सिलसिला शुरू हो जाता है और शाम रात तक यहां मन्नतों का दौर जारी रहता है।
जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी बाबा के इस स्थल में आने वाले बुजुर्ग बताते हैं कि बीते 70 सालों से यहां हिंदु समाज के लोग रक्षाबंधन के त्यौहार के दौरान बांधी गई राखियां चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हुए अपनी परिवार की सुख शांति और व्यापार में उन्नती के लिये चादर भी चढाकर दुआ मांगते हैं। बातचीत के दौरान राजकुमार जैन, संजना बेरीवाल, अशोक कुमार, लता बेरीवाल, विनोद अग्रवाल, कामिनी शर्मा बताते हैं कि भारत में छत्तीसगढ़ के रायगढ जिले के अलावा राजस्थान में ऐसा ही एक मंदिर है। जिसमें इस प्रकार की पूजा अर्चना व चादर चढ़ाई जाती है। यहां आने वाली महिलाएं भी बताती हैं कि वे साल में एक बार यहां आकर बकायदा पूरी आस्था के साथ चादर चढ़ाते हुए मन्नत मांगती हैं और वह पूरी भी होती है। शादी के बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है। महिलाएं यह भी बताती है कि वे 20 साल से अधिक समय से अपने परिवार के साथ पीर बाबा के इस जगह में आती हैं जिसकी मान्यता बुजुर्ग भी बताते हैं और इसलिये उनके प्रति आस्था बनी रहती है।
जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी की इस जगह में साल में जन्माष्टमी के दूसरे दिन पड़ने वाली नवमी के दिन साल में एक बार लगने वाले मेले के रूप में हिंदु समाज के लोग बड़ी संख्या में आते हैं और इसी दिन समाज के लोग शहर से एक निशान यात्रा भी निकालते हैं जिसमें युवा, महिला व बुजुर्ग शामिल होते हुए बकायदा पैदल चलते हुए पीर बाबा के इस स्थल में पहुंचते हैं। यह परंपरा अपने आप में इसलिये अलग है, चूंकि इस जगह में हिंदुओं की आस्था के साथ-साथ मुस्लिम वर्ग भी यहां आते हैं। इतना ही नही इस जगह की देखरेख हिंदु मुस्लिम समाज के लोग मिलकर करते हैं और ऐसा पहली बार देखने को मिलता है जहां हिंदु पूजा अर्चना के साथ-साथ मुस्लिम समाज की तरह चादर भी चढ़ाते हैं।