विदित हो कि ग्राम सुर्री में 22 से 26 अप्रेल तक पाँच दिवसीय संगीतमय रामचरितमानस कथा का आयोजन किया गया । जिसमें आस पास एवं दुर दराज के प्रतिष्ठित एवं ख्यातिलब्ध मानस गायक कथाकार एवं संगीत कलाकार विशेष रूप से आमंत्रित किये गए थे।
संगीतमय पंच दिवसीय रामचरित मानस कथा प्रवचन एवं गायन के प्रथम दिवस के रात्रि कालीन कार्यक्रम में व्याख्याता एवं प्रवक्ता भोजराम पटेल तथा डिंगरदास वैष्णव द्वारा अपनी भजन एवं प्रवचन की प्रस्तुति से श्रद्धालु कथा प्रेमियों को मुग्ध किया गया वहीं द्वितीय दिवस कोरबा से आये लक्ष्मी कंवर की गायिकी ने अपने गायन की छंटा बिखेरी, इसी दिन घनातराई से आये खगेश्वर गुरुजी के भावपूर्ण प्रवचन से लोग विशेष रूप से प्रभावित हुए। दिनांक 24 अप्रेल को विन्ध्यवासिनी बालिका मानस परिवार जिला बालौद की मुख्य गायिका और प्रवचन कर्ता ने हारत और विनोदशैली से रात्रि 03 बजे तक श्रोताओं को बांधे रखा । दिनांक 25. 04. 2025 को पूजा मानस परिवार चिरको महासमुन्द नें अपनी सुरिली और मिठी आवाज से सबको बांधे रखा और सुर्पणखा प्रसंग सुनाकर देर रात तक समां बांधे रखा।
पंचम दिवस 26 अप्रेल को आयोजन का मुख्य आकर्षण कांकेतरा जिला राजनांदगाँव से आये सगी छः बहनों की प्रस्तुती रही जब एक ही प्रकार के गणवेश में सभी बहने मंच पर विराजित हुए तो सभी श्रोता समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत और सम्मान किया। सभी . छः बहनों में से कोई गायन, प्रवचन, बांसुरी तो कोई शहनाई, तबला, ढोलक, पैड, या बेन्जो एवं आरगन के विधा में अपनी-अपनी कला प्रस्तुति के लिए दक्ष थे। इनकी सुमधुर प्रसति से रात्रि तृतीय पहर कब आ गया किसी को पता ही नहीं चला। ग्राम सुर्री में शुरू से ही रामचरितमानस कथा का आयोजन होता रहा है।
लगातार 12 वर्ष तक नवधा रामायण होने का रिकार्ड रहा है जिसमें बहुत दूर-दूर के कलाकर अपनी कला की जादू बिखेरने के लिए आते थे और ग्राम सुर्री की व्यवस्था और श्रोताओं की भक्ति देकर भाव विभोर होते थे। दिनांक 27 अप्रेल को वेदी पूजन, सहस्रधारा एवं पूर्णाहुति से कार्यक्रम का उल्लास पूर्ण विश्राम हुआ। यह आयोजन समस्त ग्रामवासी सुर्री के दानदाताओं द्वारा दिल खोलकर सहयोग प्रदान किया गया। सभी के यहाँ बुन्दी सेव प्रसाद पहुँचाकर आयोजन समिति ने धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इसी प्रकार की सहयोग करने की अपेक्षा की।