रायगढ़। ग्राम पटेलपाली में संचालित वैदिक इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद अभी तक प्रबंधन की तरफ से कोई भी जानकारी नही दी गई है और जूटमिल पुलिस भी केवल जांच की बात कहते हुए पूरे मामले को और उलझाने में लगी हुई है। दो दिन पहले हास्टल में कथित तौर पर छात्रा की मौत होनें के बाद प्रबंधन ने बिना पुलिस को सूचना दिये उसकी लाश को परिवार जनों के हवाले कर दिया था। मीडिया में जब इस मामले को उछाला तब आनन-फानन में जूटमिल पुलिस की टीम सजग हुई और उसका पोस्टमार्टम शक्ति जिले में हुआ। अभी तक इसकी मौत किन कारणों से हुई इसका खुलासा नही हो सका है।
वैदिक इंटरनेशनल स्कूल में पढने वाले 12वीं की छात्रा की मौत मामले में अभी तक कई सवाल अलग-अलग ढंग से सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। बावजूद इसके प्रबंधन की तरफ से कोई भी जानकारी नही देना यह बताता है कि एक नाबालिग लडकी की मौत पर वह मीडिया मैनेजमेंट करके अपनी गलतियों को न केवल छुपा रहा है बल्कि उसके कारणों पर पर्दा डालने पर लगा है। जानकार सूत्र बताते हैं कि संबलपुर के एक धनाडय व्यक्ति द्वारा संचालित वैदिक इंटर नेशनल स्कूल का संचालन किया जाता है और रायगढ़ में भी उसके रिश्तेदार बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। यह स्कूल संचालक अपने आपको केन्द्रीय शिक्षा मंत्री का करीबी बताते हुए हर मामले को छुपाने में कामयाब हो जाता है और शायद इस बार भी ऐसा ही हुआ जब स्कूल के हास्टल में दिन भर खेलती कूदती बच्ची की अचानक मौत हो जाती है। मौत होनें के बाद भी स्कूल के प्राचार्य ने अपना मोबाईल बंद कर लिया। साथ ही साथ हास्टल सहित अन्य जिम्मेदार पदाधिकारी गायब हो गए।
अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैदिक इंटरनेशनल स्कूल में पढने वाली 12वीं की नाबालिग छात्रा की लाश को पहले रायगढ़ के निजी चिकित्सालय अपेक्स अस्पताल ले जाया जाता है और वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित करके वापस मृतका के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिये भेजने की सलाह दी जाती है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस बात को अनसुनी करके उसी हालत में नाबालिग छात्रा का शव ओपी जिंदल फोर्टिस अस्पताल ले जाते हैं और वहां भी डाक्टरों द्वारा एंबुलेंस में जांच करने के बाद वापस जाने की सलाह दे दी जाती है। बावजूद पुलिस को सूचना दिये स्कूल प्रबंधन ने मासूम छात्रा के शव को परिजनों को सौंपते हुए पूरे मामले को छुपाने का प्रयास किया। इतना ही नही जब मीडिया की टीम स्कूल परिसर पहुंचती है तो प्राचार्य से लेकर सभी पदाधिकारी गेट पर ताला लगाकर गायब हो जाते हैं।
जूटमिल पुलिस ने भी इस मामले में गंभीर लापरवाही बरती। चूंकि देर रात हुई इस मौत की सूचना उनकी टीम को थी लेकिन जब मीडिया में इस घटना ने तूल पकडा तब आनन-फानन में जूटमिल थाना प्रभारी जांच की बात कहते हुए छात्रा के शव को शक्ति जिले के मालखैरादा में पोस्टमार्टम कराने की बात कही। इस घटना को 72 घंटे का लंबा वक्त बीत चुका है पर पोस्टमार्टम में मौत के कारणों की क्या जानकारी मिली और प्रबंधन के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की यह अभी तक पता नही चला है। इस घटना को पीछे दबाने के लिये कौन लोग है और अब मासूम को इंसाफ मिलेगा या नही इसका जवाब न तो पुलिस के पास है न जिला प्रशासन के पास और प्रबंधन ने तो ऐसी चुप्पी साध ली है जिसकी यहां चर्चा करना ही दुष्कर है।