जशपुर। जिले के बगिया ग्राम पंचायत के ग्राम करंजटोली की रहने वाली आशा लकड़ा आज अपने गांव में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए जानी जाती हैं। वह अपने गाँव के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के मुहीम में जुटी हैं। समाज के प्रति कुछ करने की इच्छा रखने वाली आशा ने आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन के साथ जुड़कर अपने आसपास के बच्चों को पढ़ाने की एक पहल की है । हिस्ट्री विषय में पीजी करने के बाद जब आशा अपने गांव वापस आई तब आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन के ज्ञानशाला प्रोग्राम के बारे में उन्हें जिले की ही निर्मला साहू ने बताया। निर्मला जो कि स्वयं एक सफल ज्ञानदूत हैं और अपने आसपास के बच्चों को शिक्षित कर रही हैं।
उन्होंने आशा को ज्ञानशाला के द्वारा आयोजित प्रत्येक रविवार को 1 घंटे ऑनलाइन होने वाली प्रशिक्षण में जुड़ने की सलाह दी।उस प्रशिक्षण से जुड़ने के बाद आशा में एक आत्मविश्वास आया और ज्ञानशाला की शुरुआत के सिर्फ 3 महीने में ही उनके पास 25 से 26 बच्चे आने लगे ।
आईएसडीजी रिसर्च फाऊंडेशन के प्रोग्राम ज्ञानशाला के अंतर्गत हर रविवार को 1 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं प्राथमिक शिक्षा और फाउंडेशन लर्निंग की अपनी समझ बढ़ाती हैं और आसपास के बच्चों को कैसे कम साधनो के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने का प्रायोगिक प्रयास भी करती हैं।
स्कूल से आने के बाद बच्चे एक-डेढ़ घंटे इनके पास जाकर पढ़ाई करते हैं। ज्ञानशाला के ज्ञानदूत से प्रेरणा लेकर आशा ने भी एक नई शुरुआत की है और अपने गांव के बच्चों को एक नई दिशा दिखा रही हैं। आज आशा गांव में गुणवत्ता युक्त शिक्षा की आशा की किरण बनकर सामने आई हैं। विदित हो कि विगत कुछ वर्षों से आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन ने कई ज्ञानशाला प्रारंभ कराये थे जिसका संचालन स्वयं सेवियों के माध्यम से जिन्हें ज्ञानदूत कहते है , किया जाता रहा है l